Jumma Ki Namaz | जुमा की नमाज़ ओर उस्का हुक्म

Jumma Ki Namaz | जुमा की नमाज़ ओर उस्का हुक्म

आज के इस लेख मे इनशा अल्लाह हम लोग Jumma Ki Namaz और उसके हुक्म के बारे मे जानेंगे | जुमा की नमाज़ हर मुसलमान मर्द औरत (बालिग) पर फर्ज़ है | इस्लाम में Jumma Ki Namaz की बड़ी अहमियत है इस के बहुत सारे फ़ज़ाइल हे। जुमा का दिन बरकत का दिन है और इस की तय्यारी के लिए ख़ास तौर पर क़ुरान और हदीस शरीफ़ में हुक्म दिया गया है और जुमा की नमाज़ के बहुत सारे आदाब बताए गए है। वो शख़्स बहुत खूश नसीब है जो Juma की तय्यारी अच्छे से करे, वक़्त से पहले मस्जिद में पहुंचे, नफ़िल नमाज़ पढ़े खुत्बा गौर से सुने और फ़र्ज़ व सुन्नत के साथ साथ उस दिन जो मस्नून आमाल बताए गए है वो सब करे | मस्नून अमल और जुम्मा की फ़ज़ीलत निचे बताई गई है।

Jumma Ki Fazilat

Juma Ki Fazilat in Quran: “ए लोगो जो अल्लाह रब्बुल आलमीन पर ईमान लाए हो जब नमाज़ की अज़ान हो जुमा के दिन तो अल्लाह के ज़िक्र की तरफ़ दौड़ो और ख़रीदना बेचना बंद करदो ये तुम्हारे लिए अच्छा होगा अगर तुम जानो” (सूरह जुमा 9)

Juma Ki Fazilat Hadees: “जुमे का दिन सब से बेहतरीन दिन हे जिस दिन सूरज तुलू होता हे” (मुस्लिम 1977)

दूसरी हदीस मे जुम्मा के दिन की फ़ाज़िलत: “यक़ीनन जुम्मा का दिन सारे दिनो का सरदार हे” (इबने माजा 1084)

इसी दिन अल्लाह तआला ने आदम अलय-हिस्सलाम को पैदा फ़रमाया और इसी दिन इन्हे जन्नत में दाख़िल किया और इसी दिन इन्हे जन्नत सेभी नीकाला गया और क़यामत भी जुम्मा के दिन ही आएगी |

Jumma Ki Namaz Ki Fazilat in Hindi

जिस ने ग़ुस्ल क्या, फिर जुमा के लिये हाज़िर हुआ, फिर उस के मुकद्दर मे जितनी नफ़िल नमाज़ थी पढ़ी, फिर ख़ामोशी से खुतबा सुनता रहा यहां तक के ख़तीब अपने खुतबे से फारिग होगया, फिर उस के साथ नमाज़ पढ़ी, उस के उस जुमा से लेकर एक और जुमा तक के गुनाह मुआफ़ करदिये जाते हैं और अधिक तीन दिनों के भी | (मुस्लिम 857)

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Jumma Ki Namaz Ka Sawab | जुमा की नमाज़ का सवाब

अल्लाह के नबी करीम सल्लललाहु अलयही वसल्लम फ़रमाते हे की जुमा के रोज़ फ़रिश्ते मस्जिद में आने वालों का नाम लिखते हे

सबसे पहले जो मस्जिद मे आता हे उसको एक ऊंट (camel) की क़ुरबानी के बराबर का सवाब मिलता हे

उसके बाद आने वाले को गाए (cow) की क़ुरबानी का सवाब लिखा जाता हे

फिर उसके बाद जो आता हे उसको मेंडे (sheep) की क़ुरबानी का सवाब मिलता हे

फिर उसके बाद आने वाले को मुर्गी (chicken) की क़ुरबानी का सवाब मिलता हे

ओर फिर उसके बाद मे जो आता हे उसको मुर्गी के अंडे (egg) के बराबर का सवाब मिलता हे

फ़िर जब ख़ुत्बा शुरू होजाता हे तो फ़रिश्ते अपने दफ्तर (वो किताब जिसमे आने वालों के नाम लिख़ते हें) बंद कर लेते हें और वो भी ख़ुत्बा सुनने लगते हें (बुख़ारी 929)

जुमा के दिन Surah Kahf Ki Fazilat

जुमा के दिन सूरतुल कहफ़ पड़ने की फ़ज़ीलत जुमा के दिन सूरह कहफ़ पढ़ने की फ़ज़ीलत हम हदीस से बता रहे हे नबी सल्लललाहु अलयहि व सल्लम ने फ़रमाया: जो कोई जुम्मा के दिन सूरह कहफ़ पढे तो अल्लाह तआला उसके लिए दो जुम्मा के बीच नूर रोशन कर देता हे (मुसतदरक हाकिम 3392)

एक ओर हदीस में आता हे की

“अबु दरदा रज़ियल्लाहु अनहु से रिवायत हे के रसूलुल्लाह सल्लललाहु अलयहि व सल्लम ने फ़रमाया जो सूरह कहफ़ की शुरू की 10 आयतें याद करलें वो दज्जाल के फ़ितने से बच जाएगा” (मुस्लिम 809)

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Juma Ke Din Ki Sunnatain in Hindi (Jumma Ki Namaz)

जुमा के दिन की सुन्नतें जो कुरान और हदीस मे ज़िक्र की गए है जिन्हें हर मुसलमान को करना चाहिए

  • Juma के दिन गुसल करना
  • जुमा के दिन ज़ियादा से ज़ियादा दरूद पढ़ना
  • जुमा के दिन सूरह कहफ़ की तिलावत करना
  • Jumma Ke Din ज़्यादा से ज़्यादा अस्तग्फ़िरुल्लाह का पढ़ना (दुआ का मांगना)
  • Juma के दिन साफ़ साफ़ाई का पूरा धियान रखना
  • जुमा के दिन अच्छे कपड़ो का पेहनना
  • जुमा के दिन ख़ुशबू लगाई जाए
  • सर पर तेल लगाकर कंघी की जाए
  • जुमा के दिन मस्जिद मे आगे की सफ़ों (लाइन) मे बेठा जाए
  • नमाज़ के लिये घर से जल्दी निकला जाए
  • खुतबा के दौरान खामोश रहना और गौर से खुतबा सुनना

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