Shab e Qadr Ki Fazilat | Laylatul Qadr in Hindi

आप लोगों का हमारे आज के Article Shab e Qadr Ki Fazilat 2023और (शबे क़द्र की नमाज़) में स्वागत है। आज हम आप को शबे कद्र की फ़ज़ीलत हिंदी में बताने वाले है। और Shab e Qadr 2023 का अर्थ क्या है। ये सारी चीजें हम आप को हिंदी में बताएंगे। साथ साथ हम शबे क़द्र की नमाज़ के बारे में भी बताएंगे तो सारी चीजों की जानकारी के लिए आप Shab e Qadr Ki Fazilat (shab e qadr ki fazilat in hindi) लेख को पूरा पढ़े।।

Shab e Qadr का अर्थ

Shab e Qadr का अर्थ है “महानता वाली रात”

Shab e Qadr Ki Fazilat 2023

शबे क़द्र की फ़ज़ीलत क़ुरआन शरीफ़ और हदीस दोनों में आइ है।

Shab e Qadr ki Fazilat क़ुरआन में

“शबे क़दर एक हज़ार महीनों से बेहतर (अच्छी) है” (सूरह क़द्र आयत 3)

Shab e Qadr ki Fazilat का अनुमान हम इस से भी लगा सकते है की अल्लाह ने शबे क़द्र का उल्लेख क़ुरआन में क्या है।

Shab e Qadr ki Fazilat हदीस

1. “रसू लुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया जो कोई शबे क़द्र में ईमान के साथ और सवाब प्राप्त करने की नियत से इबादत में खड़ा हो उसके अगले पूरे गुनाह बख़्श दिये जाते हैं” (बुखारी शरीफ़ 1901)

2 “नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम  ने फ़रमाया जो आदमी शबे क़द्र ईमान के साथ सिर्फ़ सवाब आखिरत के लिए ज़िक्र और इबादत में निकाले, उसके पिछले पाप बख़्श दिए जाते हैं” (बुखारी 35)

Shab e Qadr का टाइम

“ये रात सलामती की होती है और फ़ज्र तुलू होने तक रहती है” (सूरह क़द्र आयत 5)

शबे क़द्र की नमाज़ हदीस

“नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम  ने फ़रमाया जो आदमी लैलतुल क़द्र में सवाब की नियत से नमाज़ में खड़ा रहे (नमाज़ पढ़े) उसके पिछले गुनाह माफ़ कर दिए जाते हैं” (बुखारी 2014)

शबे क़द्र को कब ढूँढना चाहिए हदीस

“रसू लुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम  ने फ़रमाया, शबे क़द्र को रमज़ान के आखरी अशरह की ताक़ (odd night) रातों में ढूंडो” (बुखारी 2017)

शबे क़द्र कौन से महीने में आती है

Shab e Qadr ये रमज़ान के महीने में आती है। Shab e Qadr जो एक fazilat वाली रात हे। शबे क़द्र में ही अल्लाह तआला ने क़ुरआन को लोहे महफ़ूज़ से आसमानी दुनया पर उतारा।

शबे क़द्र की रात में अल्लाह की तरफ़ से बड़े फैसले लिए जाते है।

शबे क़द्र की रात की इबादत 83 साल 4 महीने की इबादत के बराबर है।

Shab e Qadr रमज़ान में कब आती है

शबे क़द्र ये रमज़ान के आखरी अशरे में यानी रमज़ान के आखरी दस दिनों में आती है।

शबे क़द्र को ताक़ (odd) रातों में तलाश करना चाहिए यानी 21. 23. 25. 27 और 29 वी रातो में।

Shab e Qadr Ki Dua in Arabic

 

اَللّٰهُمَّ إِنَّكَ عَفُوٌّ تُحِبُّ الْعَفْوَ فَاعْفُ عَنِّیْ

Shab e Qadr Ki Dua in Hindi

अल्लहुम्म इन्न-क अ’फ़ुव-वुन तुहिब्बुल अ’फ़-व फ़अ’फ़ु अ’न्नी (इब्ने माजा 3850)

Shab e Qadr Ki Dua Hindi Translation

ए अल्लाह तु माफ़ करने वाला है और माफ़ी को पसनद करता है, पस मुझे माफ़ करदे।

शबे क़द्रऔर रमज़ान का आखरी अशरह

“जब रमज़ान का आखरी अशरह आता तो नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम  अपना तहबंद मज़बूत बांधते (यानी अपनी कमर पूरी तरा कस लेते) और रातों में आप खूद भी जागते और अपने घर वालों को भी जगाया करते थे” (बुखारी 2024)

रमज़ान के आखरी अशरे में एतेकाफ़ हदीस

रमज़ान के आखरी अशरे में आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से एतेकाफ़ का अमल साबित है।

“अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अपनी वफ़ात तक बराबर रमज़ान के आखरी अशरे में एतेकाफ़ करते रहे और आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के बाद आप की अज़वाजे मुतह-हरात एतेकाफ़ करती रहीं” (बुखारी 2026)

एतेकाफ़ में बिला वजा घर नहीं जाना हदीस

“जब हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम एतेकाफ़ में होते तो बिला ज़रूरत घर तशरीफ़ नहीं लाते थे” (बुखारी 2029)

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