Namaz e Taraweeh Ki Fazilat | नमाज़े तरावीह की फ़ज़ीलत हदीस 2023

आज के इस आर्टिकल Namaz e Taraweeh Ki Fazilat में हम लोग नमाज़े तरावीह के बारे में विस्तार से जानेंगे, नमाज़े तरावीह कब पढ़ी जाती है। और कैसे पढ़े तो अगर आप सारी चीज़ों को जानना चाहते हो तो इस लेख नमाज़े तरावीह की फ़ज़ीलत को पूरा पढ़े।

नमाज़े तरावीह क्या है

नमाज़े तरावीह एक नमाज़ हे जो रमज़ान की रातों में ईशा की नमाज़ के बाद जमात के साथ या अलग से पढ़ी जाती है तो इस नमाज़ को तरावीह की नमाज़ कहते हें।

Namaz e Taraweeh Ki Fazilat | नमाज़े तरावीह की फ़ज़ीलत हदीस

नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने इरशाद फ़रमाया जो आदमी लैलतुल क़द्र में सवाब की नियत के साथ नमाज़ पढ़े उसके पिछले गुनाह माफ़ कर दिए जाते है (सही बुखारी 2014)

नमाज़े तरावीह की फ़ज़ीलत हदीस 2 “नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया जिसने रमज़ान की रातों में जाग कर नमाज़े तरावीह पढ़ी ईमान और सवाब की नियत से उसके आग्लै गुनाह माफ़ करदीए जाएंगे” (बुखारी 2009)

नमाज़े तरावीह सुन्नत है या फ़र्ज़ ?

नमाज़े तरावीह ये सुन्नत नमाज़ है और सहीह हदीस से साबित है

हज़रते आईशा रज़ियल्लाहु अनहा से रिवायत है नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने एक रात मस्जिद में नमाज़ अदा की, लोगों ने भी आप के पीछे नमाज़ पढ़ी, फिर आप ने दूसरी रात नमाज़ पढ़ी और लोगो की भी ज़्यादा तादाद ने आप के साथ नमाज़ पढ़ी फिर लोग तीसरी या चौथी रात में भी जमा हुए

लेकिन अल्लाह के नबी तशरीफ़ नहीं लाए और जब सुबह हुई तो आप ने इरशाद फ़रमाया “तुम लोगों ने जो किया में ने उसे देखा है और में घर में से इस लिए नहीं निकला मुझे इस बात का डर हुवा की इस नमाज़ को तुम पर फ़र्ज़ न कर दी जाए” (मुस्लिम 761)

नमाज़े तरावीह कैसे पढ़े ?

तरावीह की नमाज़ दो दो रकात कर के पढ़नी चाहिए।

तरावीह की नमाज़ ये आम नमाजों जैसी ही पढ़ी जाती है।

तरावीह की नमाज़ ये आम नमाजों से थोड़ी लमबी होती है।

तरावीह की नमाज़ में आदमी ज़्यादा देर तक क़याम करता है।

ये नमाज़ ईशा की नमाज़ के बाद पढ़ी जाती है।

इस नमाज़ को रात के आखरी हिस्से में पढ़ना अफ़्ज़ल है।

Namaz e Taraweeh के लिए इमाम बनाना

“सहाबी फ़रमाते है की में उमर बिन खत्ताब रज़ियल्लाहु अनहु के साथ रमज़ान की एक रात को मस्जिद में गया, सब लोग अलग अलग बिखरे हुए थे, कोई अकेला नमाज़ पढ़ रहा था, और कुछ किसी के पीछे खड़े हुए थे उस पर उमर रज़ियल्लाहु अनहु ने फ़रमाया मेरा खियाल है की अगर में सब लोगों को एक क़ारी के पीछे जमा करदू तो ज़्यादा अच्छा होगा, तो आप ने यही ठान कर अबी बिन कअ’ब रज़ियल्लाहु अनहु को उनका इमाम बना दिया” (बुखारी 2010)

पूरी रात नमाज़ का सवाब

“आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया जो आदमी इमाम के साथ क़ियाम करे यहां तक की इमाम नमाज़ पूरी करले तो उसके लिए सारी रात क़ियाम का सवाब है” (तिरमिज़ी 806)

रातों की नमाज़ पढ़ने वालों के लिए अल्लाह फ़रमाता है।

वो रातों को बहुत कम सोया करते थे (सूरह ज़ारियात 17)

आखरी बात: आज के इस हिंदी लेख Namaz e Taraweeh Ki Fazilat में हम ने नमाज़े तरावीह के बारे में पढ़ा और सीखा है। और हमने नमाज़े तरावीह की फ़ज़ीलत हदीस भी देखि और पढ़ी है जिस से हमे तरावीह की नमाज़ की फ़ज़ीलत मालूम पढ़ी। उम्मीद है ये सब जानने के बाद आप तरावीह को पाबंदी से पढ़ोंगे।

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