Namaz Ke Baad Ki Dua in Hindi | Farz Namaz Ke Baad Ki Dua | नमाज़ के बाद की दुआ

इस पोस्ट में हम Namaz Ke Baad Ki Dua in Hindi में बताएंगे उर्दू में आम तौर से “ज़िक्र” और “दुआ” में फ़र्क़ नहीं किया जाता और “ज़िक्र” को भी “दुआ” ही के नाम से याद किया जाता है। हालांकि दोनों में फ़र्क़ है “ज़िक्र” से मुराद ऐसे अल्फ़ाज़ जिन में अल्लाह तआला की हम्द व सना बयान की जाए और “दुआ” से मुराद ऐसे अल्फ़ाज़ जिनमे बंदा अल्लाह से कुछ मांगे। बेहर हाल कभी कभी दोनों लफ्ज़ एक दूसरे की जगा पर इस्तेमाल होते है लेकिन दोनों में फ़र्क़ है।

Namaz Ke Baad Ki Dua in Hindi

इस आर्टिकल में हम फ़र्ज़ नमाज़ के बाद की दुआ बता रहे है। सलाम फ़ेरने के बाद की दुआ की बहुत फ़ज़ीलत अहादीस में बयान की गई है जिसका एहतमाम करना हमारे लिये ज़रूरी हे। इस आर्टिकल में हम नमाज़ के बाद की दुआ हिंदी और अरबी में लिखे है ताके आप लोगों को तलफ़्फ़ुज़ की अदाएगी में आसानी हो।

एक बात जो हम हमेश आप से बोलते हे के दुआओं और क़ुरआनी आयतों को अरबी में ही पढ़े और याद करें कियुंके अरबी लैंग्वेज में तलफ़्फ़ुज़ की अदाएगी बहुत ज़रूरी है। अगर हम इसे गलत पढ़ते हे तो इसका माना बदल जाता है।

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Namaz Ke Baad Ki Dua Ki Fazilat | फ़र्ज़ नमाज़ के बाद की दुआ हिंदी में

फ़र्ज़ नमाज़ के बाद ज़िक्र व अज़कार की बड़ी अहमियत हैं जिसे हम Namaz Ke Baad Ki dua कहते हैं। नमाज़ के बाद की दुआ यानी नमाज़ के बाद के अज़कार की फ़ज़ीलत बहुत सी अहादीस में है। इस पोस्ट को पूरा पढ़े इस में हम नमाज़ के बाद पढ़े जाने वाले अज़कार बता रहे है। फ़र्ज़ नमाज़ के बाद मस्नून ज़िक्र ऐसे अंदाज़ और तरीक़ा से होना चाहिए जो नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से साबित हो।


(पहली दुआ) Namaz Ke Baad Ki Dua in Hindi | नमाज़ के बाद की दुआ 

اللَّهُ أَكْبَرُ

हिंदी में दुआ: अल्लाहु अकबर (सहीह बुख़ारी 842)

तर्जुमा: अल्लाह सब से बड़ा है


(दूसरी दुआ) Namaz Ke Baad Ki Dua in Hindi | नमाज़ के बाद की दुआ

أَسْتَغْفِرُ اللهَ ، أَسْتَغْفِرُ اللهَ ، أَسْتَغْفِرُ اللهَ

हिंदी में दुआ: असतग़ फ़िरुल्लाह, असतग़ फ़िरुल्लाह,असतग़ फ़िरुल्लाह [3 बार] (मुसलिम 591)

तर्जुमा: में अल्लाह से बख़शिश तलब करता हू, में अल्लाह से बख़शिश तलब करता हू, में अल्लाह से बख़शिश तलब करता हू


(तीसरी दुआ) Namaz Ke Baad Ki Dua | नमाज़ के बाद की दुआ

اَللّٰهُمَّ أَنْتَ السَّلَامُ وَمِنْكَ السَّلَامُ، تَبَارَكْتَ ذَا الْجَلَالِ وَالْإِكْرَامِ

हिंदी में दुआ: अल्लाहुम्म अन्तस्सलाम व मिनकस्सलाम, तबारकत या ज़लजलालि वल इकराम (मुसलिम 591)

तर्जुमा: ए अल्लाह तू सलामती वाला है और तेरी तरफ़ ही सलामती है, तू बा बरकत है ए बुज़रुगी और इज़्ज़त वाले


(चौथी दुआ) Namaz Ke Baad Ki Dua | नमाज़ के बाद की दुआ

سُبْحَانَ اللّٰهِ (33)۔ الْحَمْدُ لِلّٰهِ (33)۔ اللّٰهُ أَكْبَرُ (34)

हिंदी में दुआ: सुबहानल्लाह (33) अल्हम्दुलिल्लाह (33) अल्लाहु अकबर (34) (मुसलिम 596)

या फ़िर ये पढ़े

سُبْحَانَ اللّٰهِ (33)۔ الْحَمْدُ لِلّٰهِ (33)۔ اللّٰهُ أَكْبَرُ (33)

(1) لَا إِلَهَ إِلَّا اللهُ وَحْدَهُ لَا شَرِيكَ لَهُ، لَهُ الْمُلْكُ وَلَهُ الْحَمْدُ وَهُوَ عَلَى كُلِّ شَيْءٍ قَدِيرٌ

हिंदीमें दुआ: सुबहानल्लाह (33) अल्हम्दुलिल्लाह (33) अल्लाहु अकबर (33) (मुसलिम 597)

तर्जुमा: अल्लाह पाक है, तमाम तारीफ़ात अल्लाह के लिये है, अल्लाह सब से बड़ा है

हिंदी में दुआ: ला इलाह इल्लल्लाहु वहदहु ला शरीक लहु, लहुल मुल्कु वलहुल हम्दु वहुव अला कुल्लि शैइन क़दीर (1 बार पढ़े 100 मर्तबा पूरा करने के लिए)

तर्जुमा: अल्लाह के इलावा कोई सच्चा माबूद नहीं वह अकेला हे उसका कोई पार्टनर नहीं, उसी के लिए बादशाहत है, और उस के लिये तमाम तारीफ़ात और वह हर चीज़ पर क़ुदरत रखता है


(पांचवी दुआ) Namaz Ke Baad Ki Dua | नमाज़ के बाद की दुआ

لاَ إِلَهَ إِلَّا اللّٰهُ وَحْدَهُ لاَ شَرِيكَ لَهُ، لَهُ المُلْكُ، وَلَهُ الحَمْدُ، وَهُوَ عَلٰى كُلِّ شَيْءٍ قَدِيرٌ، اللّٰهُمَّ لاَ مَانِعَ لِمَا أَعْطَيْتَ، وَلاَ مُعْطِيَ لِمَا مَنَعْتَ، وَلاَ يَنْفَعُ ذَا الجَدِّ مِنْكَ الجَدُّ

हिंदी में दुआ: ला इलाह इल्लल्लाहु वहदहु ला शरीक लहु, लहुल मुल्कु، वलहुल हम्दु، वहुवा अला कुल्लि शैइन क़दीर، अल्लाहुम्म ला मानिआ लिमा अ’अ तै-त, वला मुअ-तिया लिमा मनात, वला यनफ़ऊ ज़लजददि मिनकल जददु (बुख़ारी 844)

तर्जुमा: अल्लाह रब्बुल आलमीन के इलावा कोई भी इबादत के लाइक नहीं, वह अकेला है उसका कोई साथी नहीं, और उसी के लिये सभी तारीफ़ात है, और वह हर चीज़ पर क़ादिर है। ए अल्लाह तू जो चीज़ दे उसे कोई रोकने वला नहीं और जिस चीज़ को तू रोकले उस चीज़ को कोई देने वला नहीं और किसी कोशिश करने वाले की कोशिश तेरे मुक़ाबले में फायदामंद नहीं।


(छट्टी दुआ) Namaz Ke Baad Ki Dua | नमाज़ के बाद की दुआ

اللّٰهُمَّ أَعِنِّي عَلَى ذِكْرِكَ، وَشُكْرِكَ، وَحُسْنِ عِبَادَتِكَ

हिंदी में दुआ: अल्लाहुम्म अ-इन्नी अला ज़िकरिक व शुकरिक व हुसनि इबादतिक (अबू दाऊद)

तर्जुमा: ए अल्लाह अपना ज़िक्र करने, शुक्र करने और अच्छे अंदाज़ में तेरी इबादत करने में मेरी मदद फ़रमा।


(सातवीं दुआ) Namaz Ke Baad Ki Dua | नमाज़ के बाद की दुआ

لَا إِلٰهَ إِلَّا اللهُ وَحْدَهُ لَا شَرِيكَ لَهُ، لَهُ الْمُلْكُ وَلَهُ الْحَمْدُ وَهُوَ عَلَى كُلِّ شَيْءٍ قَدِيرٌ، لَا حَوْلَ وَلَا قُوَّةَ إِلَّا بِاللهِ، لَا إِلَهَ إِلَّا اللهُ، وَلَا نَعْبُدُ إِلَّا إِيَّاهُ، لَهُ النِّعْمَةُ وَلَهُ الْفَضْلُ، وَلَهُ الثَّنَاءُ الْحَسَنُ، لَا إِلَهَ إِلَّا اللهُ مُخْلِصِينَ لَهُ الدِّينَ وَلَوْ كَرِهَ الْكَافِرُونَ

हिंदी में दुआ : ला इलाह इल्लल्लाहु वहदहु ला शरी-क लहु, लहुल मुल्कु व लहुल हम्दु व हुव अला कुल्लि शैइन क़दीर, ला हौ-ल वला क़ुव्वत इल्ला बिल्लाहि, ला इलाह इल्लल्लाहु, व ला नअ-बुदु इल्ला इय्याहु, लहुन निअ-मतु व लहुल फ़ज़लु, व लहुस सनाउल ह-सनु, ला इलाहा इल्लल्लाहु मुख्लिसीना लहुद्दीना वलौ करिहल काफ़िरून (मुस्लिम 594)

तर्जुमा: अल्लाह के इलावा कोई सच्चा माबूद नहीं वह एकेला है उसका कोई शरीक नहीं, उसी के लिये बादशाहत हे, और उस के लिये तमाम तारीफ़ात और वह हर चीज़ पर क़ादिर हे, अल्लाह की तौफ़ीक़ और मदद के बगैर, गुनाह से बचने की ताक़त और नेकी करने की क़ुव्वत नहीं, अल्लाह के इलावा कोई सच्चा माबूद नहीं, हम उस की इबादत करते हैं, उसी के लिये फ़ज़्ल हे और बेहतरीन तारीफ़ उसी के लिये हे, अल्लाह के इलावा कोई सच्चा माबूद नहीं, हम उसी के लिये इबादत को ख़ालिस करने वाले हैं अगरचे काफ़िरों को ना पसंद हो।


(आंठवी दुआ) Namaz Ke Baad Ki Dua | नमाज़ के बाद की दुआ

(5) قُل هُوَ اللّٰهُ أَحَدٌ (1) اللّٰهُ الصَّمَدُ (2) لَم يَلِد (3) وَلَم يولَد (4) وَلَم يَكُن لَهُ كُفُوًا أَحَدٌ

सूरह इख़्लास हिंदी में: क़ुल हुवल्लाहु अहद (1) अल्लाहुस्समद (2) लम-यालिद व-लम यूलद (3) व-लम यकुल्लहु कुफ़ुवन अहद (4) (मुसनद अहमद)

तर्जुमा: ए नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम केहदिजिए अल्लाह एक ही हे, अल्लाह बे नियाज़ हे, न उस ने किसी को जना न उस्से कोई जना गया, और कोई उस का हमसर नहीं

قُلْ أَعُوذُ بِرَبِّ الْفَلَقِ (1) مِنْ شَرِّ مَا خَلَقَ (2) وَمِنْ شَرِّ غَاسِقٍ إِذَا وَقَبَ (3) وَمِنْ شَرِّ النَّفَّاثَاتِ فِي الْعُقَدِ (4) وَمِنْ شَرِّ حَاسِدٍ إِذَا حَسَدَ (5)

सूरह फ़लक़ हिंदी में: क़ुल अऊज़ु बिरब्बिल फ़लक़ (1) मिन शररि मा ख़लक़ (2) व मिन शररि गासिक़िन इज़ा व क़ब (3) व मिन शररिन नफ़्फ़ासाति फ़िल उक़द (4) व मिन शररि हासिदिन इज़ा हसद (5) (अबू दवूद 1523)

तर्जुमा: ए नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम केहदिजिए में सुबह के रब की पनाह में आता हूं, हर उस चीज़ के शर से जो उसने पैदा की, और अंधेरी रात की तारीकी से जब वो छा जाए, और गिरहों में फूँक मारने वालों के शर से, और हसद करने वाले के शर से जब वह हसद करने लगे।

قُلْ أَعُوذُ بِرَبِّ النَّاسِ (1) مَلِكِ النَّاسِ (2) إِلَهِ النَّاسِ (3) مِنْ شَرِّ الْوَسْوَاسِ الْخَنَّاسِ (4) الَّذِي يُوَسْوِسُ فِي صُدُورِ النَّاسِ (5) مِنَ الْجِنَّةِ وَالنَّاسِ (6)

सूरह नास हिंदी में: क़ुल अऊज़ु बिरब्बिन-नास (1) मलिकिन-नास (2) इला हिन्नास (3) मिन शाररिल वस वासिल ख़न्नास (4) अल्लज़ी युवस-विसु फ़ी सुदूरिन-नास (5) मिनल जिन्नति वन-नास (6)

तर्जुमा: ए नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम केहदिजिए में लोगों के रब की पनाह में आता हूं, लोगों के मालिक की, लोगों के माबूद की, वस-वसा डालने वाले पीछे हट जाने वाले (शैतान) के शर से, जो लोगों के सीनों में वस-वसा डालता हे, जिन्नों में से हो या इंसानों में से।


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(नव्वी दुआ) Namaz Ke Baad Ki Dua | नमाज़ के बाद की दुआ

اَللَٰـهُ لَا إِلٰـٰهَ إِلَّا هُوَ الْحَيُّ الْقَيُّومُ ۚ لَا تَأْخُذُهُ سِنَةٌ وَلَا نَوْمٌ ۚ لَّهُ مَا فِي السَّمَاوَاتِ وَمَا فِي الْأَرْ‌ضِ ۗ مَن ذَا الَّذِي يَشْفَعُ عِندَهُ إِلَّا بِإِذْنِهِ ۚ يَعْلَمُ مَا بَيْنَ أَيْدِيهِمْ وَمَا خَلْفَهُمْ ۖ وَلَا يُحِيطُونَ بِشَيْءٍ مِّنْ عِلْمِهِ إِلَّا بِمَا شَاءَ ۚ وَسِعَ كُرْ‌سِيُّهُ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْ‌ضَ ۖ وَلَا يَئُودُهُ حِفْظُهُمَا ۚ وَهُوَ الْعَلِيُّ الْعَظِيمُ

आयातुल कुर्सी हिंदी में: अल्लाहु लाइला-ह इल्ला हुवल हय्युल क़य्यूम, ला त’अ खुज़ुहु सिनतुव वला नौम, लहु मा फ़िस-समावाति वल अर्ज़, मन ज़ल्लज़ी यशफ़उ इन्दहु इल-ल बि-इज़निह, य’अ-लमु मा बैना अैदीहिम वमा ख़ल्फ़हुम, वला युहीतू-न बिशैइम मिन इलमिहि इल-ल बिमा शाअ, व सिआ कुर सिय्युहुस समावाति वल अर्ज़, व-ल यऊदुहु हिफ़्ज़ुहुमा, व-हुवल अलिययुल अज़ीम, (अल-बक़रह 255)

तर्जुमा: अल्लाह वह ज़ात है जिसके इलावा कोई सच्चा माबूद नहीं हमैशा ज़िंदा रहने वाला और (सब) को क़ाइम रखने वाला हे, न उसे ऊंघ आती हे न नींद, उसी के लिये हे जो आसमानों में हे और जो ज़मीन में हे, कौन हे जो उसकी इजाज़त के बगैर उसके पास सिफ़ारिश कर सके, जो लोगों के सामने हे और जो उनके पीछे हे सब को जानता हे, लोग उसके इल्म में से किसी चीज़ का अहाता नहीं कर सकते मगर जो वह चाहे, उसी की कुर्सी आसमानों और ज़मीन को घेरे हुए हे, और दोनों की हिफाज़त उसे थकाती नहीं, और वह बुलंद अज़मत वाला हे।


(दसवीं दुआ) Namaz Ke Baad Ki Dua | नमाज़ के बाद की दुआ

اللّٰهُمَّ إِنِّي أَعُوذُ بِكَ مِنَ الجُبْنِ، وَأَعُوذُ بِكَ أَنْ أُرَدَّ إِلَى أَرْذَلِ العُمُرِ، وَأَعُوذُ بِكَ مِنْ فِتْنَةِ الدُّنْيَا، وَأَعُوذُ بِكَ مِنْ عَذَابِ القَبْرِ

हिंदी में दुआ  अल्लाहुम्मा इन्नी अऊज़ुबिका मिनल जुबनि, व अऊज़ु बिका अन अरद्दा इला अर्ज़लिल उमुरि, व अऊज़ु बिका मिन फ़ितनतित दुन्या, व अऊज़ुबिका मिन अज़ाबिल क़बरि, (बुख़ारी 2822)

तर्जुमा: ए अल्लाह में बुज़दिली और कंजूसी से तेरी पनाह चाहता हूं और में ज़िल्लत (बुढ़ापे) की ज़िंदगी की तरफ़ लौटाए जाने से तेरी पनाह चाहता हूं और दुन्या के फ़ितने से तेरी पनाह मांगता हूं और अज़ाबे क़ब्र से तेरी पनाह मांगता हूं।


(ग्यारहवीं दुआ) Fajar Ki Namaz Ke Baad | फ़जर की नमाज़ के बाद

اللّٰهُمَّ إِنِّي أَسْأَلُكَ عِلْمًا نَافِعًا، وَرِزْقًا طَيِّبًا، وَعَمَلًا مُتَقَبَّلًا

हिंदी में दुआ: अल्लाहुम्म इन्नी अस-अलु-क इल्मन नाफ़िआ, व रिज़क़न तय्यि-ब, व अ-म-लम मु-त-कब्ब-ल (सहीह इब्ने माजह)

तर्जुमा: ए अल्लाह में तुझसे नफ़ा मंद इल्म, पाकीज़ा रिज़्क़ और मक़बूल अमल का सवाल करता हूं।


(बारहवी दुआ) Maghrib Ki Namaz Ke Baad | मग़रिब के बाद

لا اله إلا الله وحده لا شريك له، له الملك، وله الحمد، يحيى ويميت، بيده الخير، وهو على كل شيء قدير

हिंदी में दुआ: ला इलाह इल्लल्लाहु वहदहु ला शरीक लहु, लहुल मुल्कु व लहुल हम्दु युहयी व युमीतु बियदिहिल खैर व हुव अला कुल्लि शैइनक़दीर [10 मरतबा पढ़े] (तिर्मिज़ी 3534)

तर्जुमा: अल्लाह के सिवा कोई सच्चा माबूद नहीं वह अकेला हे उसका कोई शरीक नहीं उसी के लिये बादशाहत हे और उसी के लिये सभी तारीफ़ात, वह ज़िंदह करता हे और मरता हे और वह हर चीज़ पर क़ुदरत रख़ता हे।


(तेरहवीं दुआ) Witr Ke Baad Ki Dua | वित्र के बाद की दुआ

سُبْحَانَ الْمَلِكِ الْقُدُّوْسِ

हिंदी में दुआ:  सुबहानल मलिकिल क़ुद्दूस [तीन मरतबा पढ़े तीसरी बार बुलंद आवाज़ से पढ़े] (अबू दावूद 1430)

तर्जुमा: पाक हे (मेरा रब) बादशाह निहायत मुक़ददस


Surah in Hindi

Surah Fatiha in Hindi सूरह फातिहा
Surah Naas in Hindi सूरह नास
Surah Falaq in Hindi सूरह फ़लक़
Surah Yaseen in Hindi सूरह यासीन
Surah Yaseen in Roman English सूरह यासीन इंग्लिश में

9 thoughts on “Namaz Ke Baad Ki Dua in Hindi | Farz Namaz Ke Baad Ki Dua | नमाज़ के बाद की दुआ”

  1. माशा अल्लाह माशा अल्लाह बहुत सुन्दर लाइन आप ने हिंदी मै लिख कर मेरा दिल हीं जीत लिया अल्लाह आप को येसे हीं पूरा क़ुरान हिंदी मे लिखने का तौफीक दे क्यू की ज़ो उर्दू नहीं ज़नता है वह भी क़ुरान को आसानी से पड़ सकता है आप को दिल से सालाम अल्लाह आप को तररकी दे……आमीन आमीन सुम्मा आमीन

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