Iftar Ki Dua Ya Roza Kholne Ki Dua Hadees Mein | रोज़ा इफ्तार (खोलने) की दुआ हिंदी में 2023

Iftar Ki Dua Ya Roza Kholne Ki Dua:  इस पोस्ट में हम आप लोगों को Iftar Ki Dua in Hindi सही हदीस में जो है वोह बताएंगे। दुआ या किसी भी इबादत के लिए उसका क़ुरआन या सही हदीस से साबित होना ज़रूरी है तभी वोह इबादत क़बूल होगी। हज़रत उमर रज़ियल्लाहु अन्हु फ़रमाते है कि रसूल अकरम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम जब इफ़्तार करते तो ये दुआ पढ़ते।

بسم اللہ (बिसमिल्लाह) कह कर इफ़्तार करें और इफ़्तार के बाद ये दुआ पढ़े।

Iftar Ki Dua ya Roza Kholne Ki Dua Hadees Mein

ذَهَبَ الظَّمَأُ وَابْتَلَّتِ الْعُرُوقُ وَثَبَتَ الْأَجْرُ إِنْ شَاءَ اللّٰهُ

ترجمہ: پیاس تی رہی، اوررگیں تر ہوگئيں، اوران شاء اللہ اجرثابت ہوگيا ۔


Iftar Ki Dua in Hindi Mein | इफ़्तार की दुआ

ज़-हबज़ ज़-मउ वब-तल्लतिल उरूकु व स-बतल अजरु इन-शा-अल्लाह

(सुनन अबू दावूद 2357)

तर्जुमा हिंदी में: पियास जाती रही और रगें तर होगई और इन-शा-अल्लाह अज्र साबित होगया


Iftar Ki Dua Roman English Mein

Zahabaz-zama’u wabtallatil urooqu wa sabatal ajru in-sha-Allah

Translation: piyas jati rahi aur ragen tar hogai aur in sha Allah ajr sabit hogaya


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रमज़ान के अहकाम व मसाइल सही हदीस की रौशनी में

रमज़ान, रहमतों, बरकतों, सआदतों और मग़फ़िरत का महीना है। जैसी ही इस महीने का आग़ाज़ होता है जन्नत के दरवाज़े खुल जाते हैं और जहन्नम के दरवाज़े बंद होजाते हैं।

चाँद Chand (Moon) Dekh Kar Roza Rakhna
नबी सल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया: चाँद (Moon) देख कर रोज़ा रखो और उसी को देख कर इफ़्तार करो। (बुखारी 1909, मुस्लिम 1081)

Roze Ki Niyyat रोज़े की निय्यत
इस में कोई शक नहीं के आमाल का दारो मादार निय्यतो पर हैं लेकिन निय्यत इरादे का नाम हैं।

Sehri Ke Masail सेहरी के मसाइल
नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने इरशाद फ़रमाया: हमारे और अहले किताब के रोज़ों में सेहरी का खाना फ़र्क़ है। (मुस्लिम 2069)

और दूसरी हदीस में आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया: सेहरी खाव कियुँकि सेहरी खाने में बरकत है।

Sehri Kab Tak Kha Sakte Hai?
नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया: जब तुम में से कोई अज़ान सुने और खाने का बर्तन उस के हाथ में हो (तो अज़ान की वजा से) उसे न रखे बल्कि उससे अपनी ज़रूरत पूरी करें। (अबू दावूद 2350)

Tqazae Roza तक़ाज़ाए रोज़ा
रोज़े का तक़ाज़ा हे कि झूट, बुहतान, चुगली, ग़ीबत, लड़ाई, झगड़े से बचा जाए और तक़वा को अपनाया जाए. नबी करीम (ﷺ) ने फ़रमाया: जो इंसान झूट बोलना और उस पर अमल को नहीं छोड़ता तो अल्लाह को उस के भूके पियासे रहने कि कोई ज़रूरत नहीं है। (सही बुखारी 1903)

Jin Kamo Se Roza Nahi Tutta
सेंगी लगवाना (हिजामा), ग़ुस्ल, मिस्वाक करना, भूल से खाना या पीना, सुरमा लगाना, कंघी करना और तैल लगाना वगैरा (सही बुखारी किताबुस-सौम)

Surah in Hindi

Surah Fatiha in Hindi सूरह फातिहा
Surah Naas in Hindi सूरह नास
Surah Falaq in Hindi सूरह फ़लक़
Surah Yaseen in Hindi सूरह यासीन
Surah Yaseen in Roman English सूरह यासीन इंग्लिश में

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