Tahajjud Ki Namaz Ka Tarika: तहज्जुद की नमाज़ ये एसी नमाज़ हे जो रात के हिस्से में पढ़ी जाती हे और ये फ़र्ज़ नमाजों के बाद सबसे अफ़ज़ल (अच्छी) नमाज़ हे Tahajjud Ki Namaz के बारे में हदीस में आताहे “फ़र्ज़ नमाज़ के बाद सबसे बेहतर नमाज़ तहज्जुद हे” (तिरमिज़ी 438) आज इस आर्टिकल मे हम Tahajjud Ki Namaz Kaise Padhte Hain इस बारे मे बताएंगे |
तहज्जुद की नमाज़ का वक़्त अल्लाह से क़रीब होने का सबसे अच्छा वक़्त होता हे बंदा पूरी लगन के साथ अपने रब के हुज़ूर में खड़ा रहता हे और सीधा अपने रब से जुड़ता हे पूरी दुनया सोती हे और बंदा अपने रब से मांगता हे | अगर आप Tahajjud की नमाज़ (Tahajjud Ki Namaz Ka Tarika) के बारे में जानना चाहते है तो इस आर्टिक्ल को पूरा पढ़े हम ने Tahajjud Ki Namaz in Hindi में बताया है |
Tahajjud Ki Namaz Ki Fazilat | तहज्जुद की नमाज़ की फ़ज़ीलत
तहज्जुद की नमाज़ की फ़ज़ीलत (Tahajjud Ki Namaz Ka Tarika) के बारे में क़ुरआन मजीद और हदीस शरीफ़ दोनों में इस का सबूत मिलता हे |
Hadees Tahajjud Ki Fazilat: “अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया रात मे एक टाइम ऐसा होता हे जिस किसी को वो मिलजाए और वो उस टाइम में अपने लिए दुन्या और आखिरत की भलाई का सवाल करे तो अल्लाह तआला उसे ज़रूर देता हे और ये वक़्त (टाइम) हर रात को होता हे ”(मुस्लिम 757)
Hadees Tahajjud Ki Fazilat: “हज़रत अबू हुरैरा रजियल्लाहु अनहु फ़रमाते हें के रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया अल्लाह तआला हर रात के आख़री हिस्से में आसमानी दुन्या पर नूज़ूल फ़रमाता हे और फ़रमाता हे कोन मुझसे दुआ करता हे के में क़बूल करूं कोन मुझसे मांगता हे के में उसे दूं कोन जो मुझसे बख़शिश मांगे के में उसे बख़्शदू” (सही मुस्लिम 758)
ये बंदे केलिए बहुत अच्छी बात हेके अल्लाह खुद अपने बंदों से फ़रमाता हे ये तो एक बंदे केलिए बड़ी बात हे और इंसान नमाज़ में सबसे ज़्यादा अल्लाह से क़रीब होता हे |
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तहज्जुद की नमाज़ की हदीस | Tahajjud Ki Namaz Hadees
हज़रत अबू हुरैरा रजियल्लाहु अनहु से रिवायत हेके नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया अल्लाह तआला उस आदमी पर रहम करे जो रात को उठ कर खुद भी नमाज़ पढ़े और अपनी बीवी (पत्नी) को भी उठाए और अगर वो मना करे तो उसके मुंह पर पानी छिड़के, अल्लाह तआला उस औरत पर रहम करे जो रात को उठ कर नमाज़ पढ़े और अपने आदमी (पति) को भी जगाए और अगर वो मना करे तो उसके मुंह पर पानी छिड़के (इबने माजा 1336)
Tahajjud Ki Namaz Ka Time | तहज्जुद की नमाज़ का टाइम
तहज्जुद से पहले सोना ज़रूरी नहीं है, सोने के बगैर भी तहज्जुद की नमाज़ होजाएगी | तहज्जुद की नमाज़ का टाइम ईशा की नमाज़ के बाद से सुबह सादिक़ तक है, बेहतर ये है के फ़जर की नमाज़ से एक या डेढ़ घंटा पहले तहज्जुद की नमाज़ पढ़ी जाए |
तहज्जुद की नमाज़ का टाइम इशा की नमाज़ के बाद से फ़जर तक है | Tahajjud Ki Namaz रात के शुरू, रात के बीच और आख़री हिस्से मे भी पढ़ सकते है | तहज्जुद की नमाज़ रात के आख़री हिस्से मे पढ़ना अफ़्ज़ल है | Tahajjud Ki Namaz Ka Tarika
- तहज्जुद की नमाज़ दो दो कर के पढ़े
- तहज्जुद की नमाज़ में कोई ख़ास सूरह या आयात पढ़ने की पाबंदी नहीं है
- तहज्जुद की नमाज़ में कुरान मजीद की तिलावत ठहर ठहर कर करे
- और फिर आख़िर मे वित्र पढ़े
- वित्र की नमाज़ एक, तीन, पांच, सात या उससे ज़ियादा भी होसकती है
तहज्जुद की नमाज़ की रकात | Tahajjud Namaz Rakat Hindi
हज़रत आईशा रज़ियल्लाहु अनहा से पूछा गया के अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम (तरावीह या तहज्जुद की नमाज़) रमज़ान में कितनी रकातें पढ़ते थे ?
तो उन्होंने फ़रमाया रमज़ान हो या कोई और महीना आप 11 रकातों से ज़्यादा नहीं पढ़ते थे (सही बुखारी 2013)
हज़रत आईशा रज़ियल्लाहु अनहा से नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की रात की नमाज़ के बारे में पूछा तो आप ने फ़र्माय आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम सात, 9 या 11 रकातें पढ़ते थे (सही बुखारी 1139)
Tahajjud Ki Namaz Ka Tarika | तहज्जुद का तरीका
Tahajjud Ki Namaz Ka Tarika: एक शख़्स ने नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से पूछा उस वक़्त आप मिंबर पर थे के रात की नमाज़ (यानी तहज्जुद) किस तरह पढ़ने के लिए फ़रमाते है आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया दो दो रकात करके पढ़ और जब सुबह क़रीब होने लगे तो एक रकात पढ़ले, ये एक रकात इस सारी नमाज़ को ताक़ (odd) बना देगी और आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम फ़रमाया करते थे की रात की आखरी नमाज़ को ताक़ (odd) रखा करो” (सही बुखारी 472)
हज़रत आईशा रज़ियल्लाहु अनहा फ़रमाती हे के रात की नमाज़ में नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम इतने लम्बे सजदे किया करते थे की तुम में से कोई नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के सजदे में से सर उठाने से पहले 50 आयतें पढ़ सकता था (सही कुखारी 1123)
हमें हदीस से ये पता चला की तहज्जुद की नमाज़ जितनी होसकें लम्बी लम्बी पढ़े
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तहज्जुद की नमाज़ को लंबा करना
Tahajjud Ki Namaz ko lamba Karna: अब्दुल्लाह बिन मसऊद रज़ियल्लाहु अनहु ने फ़र्माय के मेने नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के साथ एक बार रात को नमाज़ पढ़ी आप ने इतना लम्बा क़ियाम (नमाज़ मे नियत बांध कर बोहत देर खड़ा रहना ) किया के मेरे दिल में एक गलत खियाल आया हमने पूछा के वो गलत खियाल क्या था तो आपने बताया की मेने सोचा बेठ जाऊं और नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का साथ छौड़ दूं (सही बुखारी 1135)
अल्लाह के नबी की नमाजें ऐसी ही होती थी और आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम नमाजों में रोकर दुआ किया करते थे जबके आप बख्शे बखशाए थे आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम फ़रमाते थे क्या में अल्लाह का शुक्र अदा नहीं करू |