Namaz Ki Fazilat aur Ahmiyat in Hindi | नमाज़ की फ़ज़ीलत 2022

आज के इस आर्टिकल में हम नमाज़ के बारे में बताएंगे नमाज़ का मतलब किया है, Namaz Ki Fazilat, कुल नमाज़े  कितनी हें, 5 Waqt Namaz Ki Fazilat और नमाज़ के नाम ये सब इंशा अल्लाह आज के आर्टिकले में जानेंगें |

Namaz Ka Matlab Kya Hai

नमाज़ एक फ़ारसी ज़बान का शब्द है इसका मतलब हे प्रार्थना, इबादत और बंदगी करने का जिसे अल्लाह ने कुरान शरीफ़ मे हुक्म दिया अपने बंदों को और नमाज़ को अल्लाह ने मोमीनों पर उसके टाइम पर पढ़ना फ़र्ज़ किया है |

नमाज़ के बारे मे अल्लाह तआला कुरआन मजीद में फ़रमाता है
“बेशक नमाज़ मोमीनों पर फिक्स टाइम पर पढ़ना फ़र्ज़ हे” (निसा 103)

नमाज़ को लफ़्ज़ सलात (Salat) भी कहते हें जिसका अर्थ दुआ, रहमत और इसतिगफ़ार भी होता है अल्ला तआला कुरआन में सूरह तौबा में फ़रमाते हें
“ऐ मेहबूब इनके मालों में से ज़कात लेके उन्हें पाक साफ करदो और उनके हक में दुआ करो बेशक आप की दुआ उनके दिलों का चैन हे और अल्लाह सुनता हे” (सूरह तौबा 103)

Namaz Ki Fazilat

पांच नमाज़ की फ़ज़ीलत व अहमियत इस बात से भी लगाया जसक्ता हे के दीने इस्लाम में Namaz को इस्लाम के पांच पिल्लरों में से एक पिलर कहा गया है और कुरआन मजीद में कई बार नमाज़ का उल्लेख (ज़िक्र) किया गया है | नमाज़ की फ़ज़ीलत के बारे मे बहुत सी कुरआनी आयात और हदीस है |

नमाज़ की फ़ज़ीलत ये भी हे की नमाज़ अपने पढ़ने वालों को बुरे कामों और बेहयाई से रोकती है | Namaz Ki Fazilat के बारे मे अल्लाह तआला कूरआन मजीद में फ़रमाते है

नमाज़ की फ़ज़ीलत कुरान मे: “ऐ मेहबूब पढ़ो जो किताब आपकी तरफ़ वही की गई और नमाज़ काएम करो बेशक नमाज़ मना करती हे बेहयाई और बुरी बात से और बेशक अल्लाह का जिक्र सबसे बड़ा और अल्लाह जानता हे जो तुम करते हो” (अल-अंकबूत 45)

नमाज़ की फ़ज़ीलत कुरान मे: “ईमानदार लोग कामयाब होगए जो अपनी नमाजों में आजिज़ी करते हें और जो अपनी नमाजों की हिफ़ाज़त करते हें यही वो लोग है जो जन्नतूल फ़िरदौस के मालिक होंगे और उसमें हमेशा रहेंगे” (अल-मूमिनून 1,2,9,10,11)

Namaz Ki Fazilat Hadees in Hindi

नमाज़ इस्लाम के जो बूनयादी अरकान हें उस में से एक रुक्न है नमाज़ मुसलमानों पर शबे मेराज के मोके पर फ़र्ज़ की गई और अल्लाह ने पचास वक़्त की नमाज़ फ़र्ज़ की थी फिर हज़रत मूसा अलै हिस्सलाम ने हमारे नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को फ़रमाया के आप की उम्मत को इतनी ताक़त ना होगी के वो पचास टाइम की नमाज़ पढ़ सके आप अल्लाह के पास जाओ और कम कराओ अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम वापस गए और इस तरह पांच टाइम की नमाज़े रह गई अल्लाह तआला ने फ़रमाया ए मुहम्मद दिन रात की पांच नमाज़े है हर नमाजों में दस नमाजों का सवाब हे इसतह ये वोही पचास नमाज़े हुई (मुस्लिम)

एक और हदीस में Namaz Ki Ahmiyat Aur Fazilat के बारे मे आता हेके
Namaz की फ़ज़ीलत हदीस हिंदी मे “अनस बिन मालिक रज़ियललाहु अनहु से रिवायत हैके आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया की जिसने फ़जर की नमाज़ जमात के साथ पढ़ी फिर अल्लाह के ज़िक्र में लगा रहा यहा तक्के सूरज निकल गया फिर दो रकअत नमाज़ पढ़ी तो उसके लिए पूरे हज्ज और उमरे के बराबर का सवाब है ” (तिरमिज़ी 586)

सय्यदना अबू ज़र रज़ियल्लाहु अनहु से रिवायत हे के आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम सर्दी के मोसम में निकले पत्ते झड़ने का मोसम था आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने एक झाड़ की दो शाखें पकड़ कर उन्हे न्हें हिलाया तो पत्ते झड़ने लगे आप ने फ़रमाया ऐ अबू ज़र मेने कहा ऐ अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम हाज़िर हूं आप ने फ़रमाया मुसलमान जब नमाज़ पढ़ता और उसके साथ अल्लाह की रज़ा चाहता है तो उससके गुनाह इस तरह गिरते है जेसे इस झाड़ के पत्ते झड़े है (मुसनद अहमद)

नमाज़ की फ़ज़ीलत हदीस हिंदी मे: हम पांच नमाज़ पढ़ते हें और सवाब पचास नमाज़ का मिलता हे अल्हमदू लिल्लाह|
अल्लाह तआला कुरान में फ़रमाते है “बेशक कामयाब होगया जिसने पाकीज़गी को अपनाया और अपने रब का नाम ज़िक्र किया फिर नमाज़ पढ़ा” (अल-आला 14,15)

5 Waqt Ki Namaz Ke Naam

पांच नमाज़ के नाम हिंदी में

1 फ़ज़र

2 ज़ूहर

3 असर

4 मग़रिब

5 ईशा

5 Namaz Ki Ahmiyat aur Fazilat

“हज़रत अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अनहु से रिवायत है के रसूलूल्ला सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया पांच नमाज़ो के बीच में जो गुनाह होते हें उन गुनाहों को नमाज़ मिटा देती हें और ऐसे ही एक जुमा दूसरे जुमा तक के गुनाहों को मिटा देता हे जब के बड़े गुनाहों से रुक जाया करो” (मुस्लिम)

उदाहरण: अगर कोई फज्र की नमाज़ के बाद ज़ोहर की नमाज़ पढ़ेगा तो दोनों नमाज़ के बीच जो भी छोटे गुनाह होंगे अल्लाह तआला माफ़ करदेगा ऐसे ही रात और दिन के छोटे गुनाह Panch Waqt ki Namaz से माफ़ होजाते हें |

5 Waqt Ki Namaz Ke Fayde

नमाज़ के फ़ायदे सय्यदना अबू हुरैरा रजियल्लाहु अनहु रिवायत करते हें के रसूलूल्ला सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने सहाबा रज़ियल्लाहु अनहुम से फ़रमाया भला मुझे बताओ अगर तुम्हारे दरवाजे के बाहर नहर हो और तुम उस में डेली पांच बार नहाओ क्या फिर भी जिस्म पर मेल बाक़ी रहेगा ? सहाबा रजियल्लाहु अनहुम ने कहा नहीं आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया येही मिसाल पांचों नमाजों की है अल्लाह तआला उनके सब गुनाहों को माफ़ करदेता है (मुस्लिम)

हज़रते अनस रज़ियल्लाहु अनहु से रिवायत है के एक आदमी अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के पास आया और कहने लगा मेने गुनाह किया है और में इस गुनाह की सज़ा चाहता हूं आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने ये नहीं पूछा के कोनसा गुनाह किया हे ? इतने में नमाज़ का टाइम होगया उस आदमी ने आप के साथ नमाज़ पढ़ी और फिर ख़ड़ा होकर सज़ा के बारे में कहने लगा आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया क्या तूने हमारे साथ नमाज़ नहीं पढ़ी ? उस आदमी ने कहा पढ़ी हे आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया अल्लाह ने तेरा गुनाह बख़्श दिया हे (मुस्लिम)

5 Time Ki Namaz Padhne Par Inaam

पांच नमाजों का इनाम: पांच टाइम के नमाज़ियों केलिए जन्नत की खूशखबरी: आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम मिमबर से उतरे और  फ़रमाया खूश होजाओ खूश होजाओ जिसने पांच वक़्त की नमज़े पढ़ी और बड़े गुनाहों से रुक गया वो जन्नत के जिस दरवाज़े से चाहे गा दाखिल (अंदर) हो जाए गा |

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नमाज़ क़बूल तो सब आमाल क़बूल

आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया नमाज़ तीन हिस्से है |

  • पाकीज़गी
  • रुकू
  • सजदह

जिसने नमाज़ को उसके हुक्म के मुताबिक वेसे ही अदा किया तो उसकी नमाज़ क़बूल की जाए गी और साथ ही साथ उसके सारे आमाल क़बूल होंगे अगर जिसकी नमाज़ कबूल ना की गई उसके दूसरे आमाल भी कबूल ना होंगे | (सहीह तरगीब 539)

बच्चों को नमाज का हुक्म

आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया अपने बच्चों को नमाज़ पढ़ने का हुक्म दो जब वो साथ साल के होजाएं और जब वो दस साल के होजाए नमाज़ नहीं पढ़े तो उनको सज़ा दो (अबू दाउद 495)

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