Rizq Kya Hai | Rizq Halal Ki Fazilat in Hindi | रिज़्क़ क्या है और रिज़्क़ की फ़ज़ीलत

अस्सलामु अलैकुम उम्मीद है के आप सब ठीक होंगे, दोस्तों हम आप लोगों के लिए दीनी बातें, दुआए और दीनी मसाइल लाते रहते है आज इस आर्टिक्ल में आप लोगों को Rizq Kya Hai? इस बारे मे बताएंगे | अगर आप जानना चाहते है के रिज़्क़ क्या है तो इस आर्टिक्ल को पूरा पढ़े आप लोगों को रिज़्क़ के बारे मे बहुत कुछ मालूम होजाएगा |

Rizq Kya Hai | रिज़्क़ क्या है ?

1. रिज़्क़ से मतलब बोहत सी चीजै हैं

2. रिज़्क़ से मुराद माल हो सकता है

3. रिज़्क़ से मुराद औलाद भी हो सकती है

4. रिज़्क़ से मुराद एक अच्छी सेहत भी हो सकती है

5. रिज़्क़ से मुराद हर वो चीज़ (नेमत) जो अल्लाह ने अपने बंदो को दी है

रिज़्क़ में बरकत और बढ़ोतरी के लिए | Rizq Me Barkat Ke Liye

रिज़्क़ मे बरकत 1. रिज़्क़ में बरकत और बढ़ोतरी के लिए आदमी को चाहिए के वो ज़्यादा से ज़्यादा तौबा व इस्तिगफार करे |

रिज़्क़ मे बरकत 2. रिज़्क़ मे बरकत व बढ़ोतरी के लिए आदमी को चाहिए की वो अल्लाह का तकवा इखतियार करे |

अल्लाह तआला कुरान पाक मे फ़रमाते है “और अगर बसतियों वाले ईमान लाते और डरते तो हम उनपर आसमान और ज़मीन की बरकतें खोल देते लेकिन उनहोने झुटलाया तो हम ने भी उन के आमाल के बदले उन्हे गिरफ़्तार कर लिया” (सूरह आराफ़ 96)

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Hame Rizq Kon Deta Hai | हमें रिज़्क़ कोन देता है

हमे और सारी मख़लूक़ को रिज़्क़ देने वाला सिर्फ़ अल्लाह रब्बुल आलमीन है अल्लाह तआला कुरआन पाक में फ़रमाता है

ए लोगो अल्लाह के जो तुम पर एहसानात है उनको याद करो क्या अल्लाह के सिवा और भी कोई ख़ालिक़ है जो तुम पर आसमान और ज़मीन से तुमहैं रोज़ी दे उसके सिवा कोई माबूद नहीं तो तुम केसे उलटाए जाते हो (सूरह फ़ातिर 3)

इस आयत से पता चला के रिज़्क़ का देना ओर नहीं देना ये सारा अल्लाह के इख्तियार मे है अल्लाह तआला कुरान मे एक और जगा फ़रमाता है

“बेशक अल्लाह जिसे चाहता है बे-शुमार रिज़्क़ देता है” (सूरह आल-इमरान 27)

पता चला के रिज़्क़ का देने वाला अल्लाह ही है, वो किसी को ज्यादा रिज़्क़ देकर आज़माता है और किसी को कम रिज़्क़ देकर आज़माता है तो हमे चाहिए के दोनों हालतों में खूश रहै और हर हाल मे अल्लाह का शुक्र अदा करे ये भी अल्लाह की मसलिहत है

और अल्लाह जिस पर रिज़्क़ बंद करदे तो कोई ओर उसे रिज़्क़ देने वाला नहीं और जिसे दे तो कोई उसे रोकने वाला नहीं | इसिलिए एक ईमान वाले का ये अक़ीदा रखना अपने रब से राज़ी होने की दलील है | अल्लाह हमे इसकी तौफ़ीक़ दे आमीन | अल्लाह तआला इंसान की रोज़ी उसके मां के पेट मैं ही लिख देता है |

रिज़्क़ के मिलने के बारे मे हदीस

रिज़्क़ के बारे मे हदीस मे आता है के आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया रिज़्क़ इंसान को ऐसे ढूंढता है जेसे मौत, और कोई इंसान तबतक मर नहीं सकता जबतक वो अपने हिस्से का आख़री दाना न खाले येही एक मोमिन का अक़ीदा होना चाहिए |

Rizq Kamana | रिज़्क़ कमाना और उसकी चाहत

रिज़्क़ कमाना कोई गलत नहीं है लेकिन हलाल तरीक़े से एक आदमी रिज़्क़ कामए अपना खाए, अपने घर वालों को खिलाए, अपने रिश्ते दारो को दे, उनकी मदद करे, रही बात रिज़्क़ की चाहत की तो ये इंसान की फ़ितरत मे अल्लाह ने रखा है |

आदमी खूब रिज़्क़ कमाए हलाल तरीके से और उसे समाज व मुआशरा की तरक्की के लिए खर्च करे | आदमी के ऊपर है के वो हलाल तरीके से कमाए या हराम तरीके से आदमी को मिलना उतना ही है जितना के उसकी तक़दीर मे लिखा है | एक ईमान वाला इनशाअल्लाह हराम की तरफ़ कभी नहीं जाएगा कियुंके उसको ये पता है के मिलना उतना ही है जितना उसकी तक़दीर मे लिखा है और इस्लाम ने हलाल रिक़्ज़ की तलाश का ही हुक्म दिया है हराम रिज्क़ का नहीं |

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Rizq Halal Ki Fazilat aur Fayde in Hindi | रिज़्क़ की फ़ज़ीलत

  • हलाल रिज़्क़ की इस्लाम मे बड़ी फ़ज़ीलत और अहमियत है अगर आदमी हलाल माल कमाएगा तो अल्लाह रब्बुल आलमीन उसकी दुआओं को भी कबूल करेगा और अगर आदमी हराम कमाता है तो ना उसकी दुआ कबूल होगी और ना कोई इबादत कबूल होगी
  • इंसान को चाहिए के अपने और अपने घर वालों के लिए हलाल रिज़्क़ का इंतिज़ाम करे ओर अल्लाह उसके दिल को रोशन करदेगा
  • हलाल रिज़्क़ दुआओं की क़बूलियत का ज़रिया है जो दुआ मांगेगे इनशाअल्लाह क़बूल होगी
  • हलाल रिज़्क़ से इंसान के दिल मे सखावत पैदा होती है और अल्लाह की तरफ़ से दिल मे इतमीनान ओर सुकून पैदा होता है
  • हलाल रिज़्क़ का एक फ़ाइदा ये भी है के इंसान के दिल मे अल्लाह रब्बुल आलमीन का डर पैदा होता है और वो हर चीज़ मे हलाल और हराम को पहले देख़ता है
  • आदमी के अंदर एहतियात पैदा हो जाता है वो हर लेन देन को इस्लाम के दायरे मे रेह कर करता है

हराम माल के नुकसान

हराम माल के खर्च का अल्लाह तआला के यहा कोई अज्र नहीं है

हराम का माल खाने से अल्लाह की बारगाह मे दुआ भी क़बूल नहीं होती

हराम माल में बरकत नहीं होती चाहै वो देखने मे कितना भी ज्यादा क्यूं ना हो और आदमी के ऊपर से बरकते उठाली जाती है फिर वो किसी भी शकल मे होसकती है चाहै वो माल मे हो, औलाद मे हो या उसके रिज़्क़ मे हो

हराम के रिज़्क़ से मूसीबतें परेशानीयां और गरीबी आती है

एक हलाल कमाने वाला हराम के कमाने वाले को ना पसंद करने लगता है

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Halal Rizq Khane Ka Hukm | हलाल रिज़्क़ खाने का हुक्म

कुरान पाक में अल्लाह का फ़रमान है “और खाओ जो कुछ तुम्हें अल्लाह ने रोज़ी दी हलाल पाकीज़ा और डरो अल्लाह से जिस पर तुम्हें ईमान है” (सूरह माइदा 88)

ए ईमान वालों खाओ हमारी दी होई पाकीज़ा चिज़े ओर उसका शुक्र अदा करो अगर तुम उसी की इबादत करते हो (सूरह बकरह 172)

आख़री बात: आप लोगों ने Rizq Kya Hai? हलाल रिज़्क़ की फ़ज़ीलत, अहमियत, फ़ाइदें और नुकसान के बारे में पढ़ा है | हम सब को चाहिए के अल्लाह से हमेशा हलाल रिज़्क़ के लिए दुआ करें और अल्लाह हमें हराम रिज़्क़ से बचाए अमीन। Rizq Kya Hai इस बारें मे अपने दोस्तों और रिशतेदारों को भी बताए |

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