Ashra Mubashra Ke Naam in Hindi | अशरा मुबशरा के नाम हिन्दी में

आज के इस लेख में आप लोगों  को 10 अशरा मुबशरा के नाम हिन्दी में बताएंगे | वो कोन लोग हे जिन्हें अशरा मुबशरा (Ashra Mubashra) कहते हें | उन्हे अशरा मुबशरा (Ashra Mubashra) क्यू कहा गया? इस आर्टिक्ल को पढ़ने के बाद आप Ashra Mubashra Ke Naam in Hindi में जान जाएंगे और साथ ही अशरा मुबशरा की फ़ज़ीलत और Ashra Mubashra का मरतबा जिनको दुनिया में ही जन्नत की खुशखबरी मिली |

Ashra Mubashra | अशरा मुबशरा किसे कहते हैं ?

Ashra Mubashra Ke Naam in Hindi अशरा मुबशरा अरबी ज़बान का वर्ड है जिसका मतलब है 10 जन्नती सहाबा (10 Jannati Sahaba Names)

अशरा : अर्थ 10

मुबशरा : अर्थ  बशारत (खूशखबरी)

अशरा मुबशरा (Ashra Mubashra) उन साहबा को केहते हें जिन्हें अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने दूनया में ही जन्नत की खुशखबरी दी है |

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Ashra Mubashra Sahaba in Hindi Hadees

हज़रत अब्दुर्राहमान बिन औफ़ रज़ियल्लाहु अनहु फ़रमाते हें के नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया अबू बकर रज़ियल्लाहु अनहु जन्नती हे, उमर रज़ियल्लाहु अनहु जन्नती हे, उस्मान रज़ियल्लाहु अनहु जन्नती हे, अली रज़ियल्लाहु अनहु जन्नती हे, तलहा रज़ियल्लाहु अनहु जन्नती हे, ज़ुबैर रज़ियल्लाहु अनहु जन्नती हे, अब्दुर्राहमान बिन औफ़ रज़ियल्लाहु अनहु जन्नती हे, सआद रज़ियल्लाहु अनहु जन्नती हे, सईद रज़ियल्लाहु अनहु, अबू उबैदा बिन जर्राह रज़ियल्लाहु अनहु जन्नती हे, (तिरमिज़ी 3747)

नोट: ध्यानदें हदीस में सआद से मतलब हे सआद बिन अबी वक़्क़ास रज़ियल्लाहु अनहु और सईद से मुराद सईद बिन जैद रज़ियल्लाहु अनहु हें |

10 Jannati Sahaba Naam in Hindi (अशरा मुबशरा के नाम हिन्दी) में नीचे बताए गए है जिन्हें दुन्या मे ही जन्नत की खूशखबरी दी गई है |

Ashra Mubashra Ke Naam in Hindi

  1. अबू बकर रज़ियल्लाहु अनहु
  2. उमर रज़ियल्लाहु अनहु
  3. उस्मान रज़ियल्लाहु अनहु
  4. अली रज़ियल्लाहु अनहु
  5. तलहा रज़ियल्लाहु अनहु
  6. ज़ुबैर रज़ियल्लाहु अनहु
  7. अब्दुर्राहमान बिन औफ़ रज़ियल्लाहु अनहु
  8. सआद रज़ियल्लाहु अनहु
  9. सईद रज़ियल्लाहु अनहु
  10. अबू उबैदा बिन जर्राह रज़ियल्लाहु अनहु

10 Jannati Sahaba Ki Fazilat Quran | अशरा मुबशरा

अशरा मुबशरा की फ़ाज़िलत 1: अल्लाह उनसे राज़ी हुवा और वो (सहाबा) अल्लाह से राज़ी हुए (बय्यिनह 8)

अशरा मुबशरा की फ़ाज़िलत 1: अल्लाह ने ईमान को तुम्हारे दिलों में ज़ीनत दे रखी हे कुफ़्र, गुनाह, और नाफ़रमानी को तुम्हारी निगाहों में  नापसंदीदा बनादिया हे यही लोग हिदायत याफ़्ता हें (हुजरात 7)

अशरा मुबशरा की फ़ाज़िलत 1: बेशक जो लोग रसू लुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के हुज़ूर में अपनी आवाज़ें नीची रखते हें यही वो लोग हें जिनके दिलों को अल्लाह ने

परहेज़गारी के लिए जांच लिया हे उनके लिए मगफ़िरत और बड़ा सवाब हे (हुजरात 3)

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10 Jannati Sahaba Ki Fazilat Hadees

Ashra Mubashra Fazilat Hindi 1 (अशरा मुबशरा) : रसू लुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया सबसे बेहतरीन (अच्छे) मेरे ज़माने के लोग हें, फ़िर वो लोग जो उसके बाद होंगे, फ़िर वो लोग जो उसके बाद होंगे (सही बुखारी 2652)

Ashra Mubashra Fazilat Hindi 2: हज़रत अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अनहु से रिवायत हेके नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया मेरे असहाबा को बुरा मत कहो, मेरे असहाबा को बुरा मत कहो, क़सम उसकी जिसके हाथ में मेरी जान हे अगर कोई तुम मेसे उहुद पहाड़ के बराबर सोना (gold) अल्लाह की राह में खर्च करे तो उनके दिए हुए एक मुद (आधा किलो) या आधा मुद के बराबर भी नहीं होसकता (सही मुस्लिम 2540)

10 Ashra Mubashra Sahaba in Hindi | अशरा मुबशरा  सहाबा

1. Pahle Jannati Sahabi | पहले अशरा मुबशरा सहाबी (1 Ashra Mubashra)

हज़रत अबू बकर रज़ियल्लाहु

अबू बकर रज़ियल्लाहु अनहु जिन्हे अल्लाह के नबी ने मेराज के मोके पर सिद्दीक़ का लक़ब दिया था जब सारी दुन्या आप की बातों का इनकार कर रही थी के एक रात में मसजिदे अक्सा से मसजिदे हराम का सफ़र तब हज़र अबू बकर रज़ियल्लाहु अनहु ने कहा आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने सच कहा |

अबू बकर रज़ियल्लाहु  अनहु सहाबा में सबसे पहले इस्लाम लाने वाले और ये अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु  अलैहि वसल्लम के ससुर भी हे और आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के गार (गुफा) के साथी भी हे |

10 जन्नती सहाबा में पहले नंबर पर आप का नाम हे, ये मुसलमानों के पहले खलीफ़ा थे गुलामों को आज़ाद कराना इनकी आदत थी

अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया मेरी उम्मत में दीन केलिए सबसे ज़्यादा मेहरबान अबू बकर रज़ियल्लाहु अनहु हे (तिरमिज़ी 3791)

माल का खर्च: एक बार आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने माल जमा करने के लिए कहा उस टाइम हज़रते उमर रज़ियल्लाहु  अनहु के पास माल था सोचा की में हज़रते अबू बकर रज़ियल्लाहु अनहु से माल खर्च करनें में आगे निकल जाऊंगा यही सोच कर वो अपना आधा माल लेकर अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के पास आगए अल्लाह के नबी ने पूछा ए उमर अपने घर वालों केलिए क्या छोड़े हो हज़रते उमर ने फ़रमाया जितना यहां लाया हूं उतनाही घर पर छोड़ा हूं

उस के बाद हज़रते अबू बकर रज़ियल्लाहु अनहु अपना सारा का सारा माल लेआए आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने पूछा ए अबू बकर रज़ियल्लाहु अनहु अपने घर वालों के लिए क्या छोड़ा हे ? हज़रते अबू बकर रज़ियल्लाहु अनहु ने फ़रमाया ए अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम उनके लिए अल्लाह और उसके रसूल काफ़ी हे |

2. Dusre Jannati Sahabi | दूसरे अशरा मुबशरा सहाबी (2 Ashra Mubashra)

हज़रत उमर रज़ियल्लाहु

दूसरे अशरा मुबशरा सहाबी इनका पूरा नाम उमर बिन खत्ताब रज़ियल्लाहु अनहु है 10 जन्नती सहाबा में इनका नाम भी आता हे हज़रते उमर रज़ियल्लाहु अनहु के बारे में अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया मेरे बाद अगर कोई नबी होता तो वो उमर होते |

फ़ारूक़ का लक़ब

हज़रते उमर रज़ियल्लाहु अनहु को अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़ारूक़ (यानि फ़र्क़ करने वाला) का लक़ब दिया था |

क्यूंकि वो कुफ़्र और इस्लाम के अंदर बड़ा फ़र्क़ करते थे अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया मेने जन्नत में उमर का महल देखा ये अशरा मुबशरा (Ashra Mubashra) में दूसरे सहाबी हे और मुसलमानों के दूसरे ख़लीफ़ा थे अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया के दीन के मआमले में हज़रते उमर सबसे सख्त है |

3. Teesre Jannati Sahabi | तीसरे अशरा मुबशरा सहाबी (3 Ashra Mubashra)

हज़रत उस्मान गनी रज़ियल्लाहु अनहु

10 अशरा मुबशरा (Jannati Sahaba) में तीसरे नंबर पर हज़रते उस्मान गनी रज़ियल्लाहु हें हज़रते अबू बकर और हज़रते उमर के बाद इन्हीं का मुक़ाम आता हे और ये मुसमानों के तीसरे खलीफ़ा थे और अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु  अलैहि वसल्लम के दामाद भी थे |

हज़रत उस्मान गनी का लक़ब ज़ुन्नुरैन

आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने एक के बाद एक अपनी दोनों बेटियों का निकाह हज़रते उस्मान गनी रज़ियल्लाहु अनहु से किया था इसे लिए आप को ज़ुन्नुरैन (यानि दो नूर वाले कहा जाता हे)

गनी का लक़ब | Gani Ka Laqab

उस्मान गनी रज़ियल्लाहु अनहु को उनकी दरया दिली की वजा से उन्हें गनी का लक़ब दिया गया एक बार मदीना में क़ेहत (बारिश का नहीं होना) पड़गया था जिसकी वजा से पूरे शेहर में गुरबत (भूक मरी) फैल गई थी |

लोग अनाज के दाने दाने के लिए मोहताज होगए थे उसी टाइम हज़रते उस्मान रज़ियल्लाहु अनहु का तिजारती काफ़िला मुलके शाम से आया उस काफ़िला में 1000 ऊंट खाने पीने की चीजों के साथ भरे थे जब ये काफ़िला मदीना पहुंचा तो लोग खूश हुए काफ़िला के साथ ताजीरों की एक जमात भी उनके साथ मदीना पहुंच गई |

ताजीरों ने हज़रते उस्मान रज़ियल्लाहु अनहु से पूछा के तुम अपना माल बेचोंगे ? ताजिर चाहते थे की क़हत की वजे से वो हज़रते उस्मान रज़ियल्लाहु अनहु से माल को खरीद कर ज़्यादा फ़ाईदे में बेचेंगे फ़िर हज़रत उस्मान रज़ियल्लाहु अनहु ने उनसे पूछा तुम ये सारे माल का कितना लगाते हो ?

तजीरों ने कहा डबल मुनाफ़ा (profit) देंगे यानि एक दिनार के माल का दो दिनार देंगे इस पर हज़रते उस्मान रज़ियल्लाहु अनहु ने कहा इतना नफ़ा (profit) मुझे पहले से मिलरहा हे हज़रते उस्मान का जवाब सुनकर ताजीरों ने नफ़ा और बढ़ा दिया हज़रते उस्मान रज़ियल्लाहु अनहु ने कहा इतना नफ़ा (profit) मुझे पहले से मिलरहा हे ऐसा ही चलते रहा हज़रते उस्मान येही कहते रहे इतना नफ़ा (profit) मुझे पहले से मिल रहा हे ताजिर नफ़ा बढ़ाते रहे |

आखिर में ताजिर हैरान होगए और पूछा के मदीना में ऐसा ताजिर कोन हे जो हमसे ज़्यादा मुनाफ़ा दे ? इसपर हज़रते उस्मान रज़ियल्लाहु अनहु ने फ़रमाया अल्लाह |

अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया मेरी उम्मत में शर्मों हया में सबसे आगे उस्मान गनी रज़ियल्लाहु अनहु हे |

4. Chouthe Jannati Sahabi | चौथे अशरा मुबशरा सहाबी (4 Ashra Mubashra)

हज़रत अली रज़ियल्लाहु अनहु

हज़रत अली रज़ियल्लाहु अनहु ये वो खूश नसीब सहाबा में से हें जिनका नाम अशरा मुबशरा (Ashra Mubashra) में चौथे नंबर पर हे |

हज़रत अली नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के चाचा ज़ाद भाई थे और आपसल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के दामाद भी थे |

हज़रते अली रज़ियल्लाहु अनहु 10 जन्नती सहाबा में से होने के साथ साथ वो मुसलमानों के चौथे खलीफ़ा भी थे |

5. Panchwe Jannati Sahabi | पांचवें अशरा मुबशरा सहाबी (5 Ashra Mubashra)

हज़रत तलहा रज़ियल्लाहु अनहु

10 अशरा मुबशरा Ashra Mubashra में इनका नाम भी आता हे इनका पूरा नाम तलहा बिन उबैदुल्लाह हे इनकी चार बीवियां थीं और चारों उममहातुल उम्महातुल मोमिनीन की बहनें थीं | हज़रते तलहा रज़ियल्लाहु अनहु अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के साढ़ू थे |

अल्लाह की राह में सबसे पसंदीदा बाग देने का वाकिया

हज़रत तलहा रज़ियल्लाहु अनहु नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के पास आए और फ़रमाया या रसू लुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अल्लाह तआला क़ुरआन में फ़रमाता हे की तुम नेकी हरगिज़ नहीं पासकते जब तक उस माल मेसे खर्च ना करो जो तुमको ज़्यादा पसंद हे और मेरे माल में मुझे मेरा बाग सबसे ज़्यादा पसंद हे जहां अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम जाया करते थे उसके साए में बेठते और पानी पीते हज़रते तलहा रज़ियल्लाहु अनहु ने कहा में इसे अल्लाह की राह में सदक़ा और रसू लुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के लिए देदेता हूं (सही बुखारी 2758)

6. Chatte Jannati Sahabi | छट्टे अशरा मुबशरा सहाबी (6 Ashra Mubashra)

हज़रत ज़ुबैर रज़ियल्लाहु अनहु

ये भी वो खुशनसीब सहाबी हें जिन्हें अल्लाह के नबी ने दूनया में ही जन्नत की बशारत सुना दी थी और इनका नाम Ashra Mubashra में हम लोग आज लेते हें |

10 जन्नती सहाबा में ये भी हे जिनका पूरा नाम ज़ुबैर बिन अव्वाम रज़ियल्लाहु अनहु हे ये अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के फूफी ज़ाद भाई थे और हज़रत अबू बकर रज़ियल्लाहु अनहु के दामाद थे इन्होंने और इनकी अम्मी ने हज़रते अबू बकर रज़ियल्लाहु अनहु के हाथ इस्लाम क़बूल किया था |

मेरे मां बाप आप पर फ़िदा हो

जंगे अहज़ाब के टाइम अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने हज़रते ज़ुबैर बिन अव्वाम रज़ियल्लाहु  अनहु के बारे में फ़रमाया मेरे मा बाप आप पर फ़िदा हो (सही बुखारी 3720)

7. Satwe Jannati Sahabi | सातवें अशरा मुबशरा सहाबी (7 Ashra Mubashra)

हज़रत अब्दुर्राहमान बिन औफ़ रज़ियल्लाहु अनहु

अशरा मुबशरा (10 Jannati Sahaba) मेंसे ये सातवे सहाबी हे इन्हें भी दूनया में जन्नत की बशारत दी गई थी |

मालों दोलत में भी ये कम नहीं थे जब इनकी मीरास बाटी गई तो सोना व चांदी को कुल्हाड़ी से तोड़ कर बाटा गया |

नमाज़ पढ़ाने का शर्फ़

गज़वए तबूक के मौक़े पर आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम कहीं काम से निकल गए थे आने में कुछ लेट होगए थे उस टाइम हज़र ब्दुर्राहमान बिन औफ़ रज़ियल्लाहु अनहु ने नमाज़ पढ़ाई और आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इनके पीछे नमाज़ पढ़ी |

8. Aathwe Jannati Sahabi | आठवे अशरा मुबशरा सहाबी (8 Ashra Mubashra)

हज़रत सआद बिन अबी वक्कास रज़ियल्लाहु अनहु

इनका पूरा नाम सआद बिन अबी वक्कास रज़ियल्लाहु अनहु हें ये भी Ashra Mubashra में आते हें |

मेरे मां बाप तुम पर फ़िदा हो

ये वो दूसरे सहाबा हे जिनके बारे में अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने जंगे उहुद के टाइम  फ़रमाया था मेरे मां बाप तुम पर फ़िदा हो (सही बुखारी 3725)

अल्लाह के रास्ते में सबसे पेहले तीर चलाने वाले

सआद बिन अबी वक्कास रज़ियल्लाहु अनहु फ़रमाते हे के अरब में सबसे पेहले तीर अंदाज़ी मेने की थी (सही बुखारी 3728)

सआद बिन अबी वक्कास रज़ियल्लाहु अनहु तीसरे नंबर पर इस्लाम में दाखिल हुए (सही बुखारी 3727)

9. Navve Jannati Sahabi | नव्वे अशरा मुबशरा सहाबी (9 Ashra Mubashra)

हज़रत सईद बिन ज़ैद रज़ियल्लाहु अनहु

इनका पूरा नाम सईद बिन ज़ैद रज़ियल्लाहु अनहु है

ये हज़रत उमर बिन खत्ताब रज़ियल्लाहु अनहु के चाचा ज़ाद भाई थे और इनकी शादी हज़रत उमर बिन खत्ताब रज़ियल्लाहु अनहु की बेहन हज़रत फ़ातिमा रज़ियल्लाहु अनहा से हुई थी |

10. Dasve Jannati Sahabi | दसवें अशरा मुबशरा सहाबी (10 Ashra Mubashra)

हज़रत अबू उबैदा बिन जर्राह रज़ियल्लाहु

मेरी उम्मत का अमीन

हज़रते अनस रज़ियल्लाहु अनहु से रिवायत हे की नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया हर उम्मत में एक अमीन होता हे मेरी उम्मत का अमीन अबू उबैदा बिन जर्राह रज़ियल्लाहु अनहु (सही बुखारी 4382)

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आख़री बात: सहाबा किराम का मर्तबा बहुत ज़ियादा है अल्लाह ने फ़रमाया “वो अल्लाह से राज़ी हुए और अल्लाह उनसे राज़ी हुवा” | आज इस आर्टिकेल मे आप लोगों को Ashra Mubashra Ke Naam in Hindi में बताए गए है जिन्हें अशरा मुबशरा कहते है इन दस सहाबा को दूनया मे ही जन्नत की खूशखबरी दी गई | इनके इलवा दूसरे Sahaba का बहुत बड़ा मर्तबा और मुक़ाम है | Ashra Mubashra Ke Naam in Hindi इस पोस्ट को आप खूद पढ़े और अपने बच्चो को भी 10 जन्नती सहाबा का नाम याद कराए |

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